झारखण्ड विधान सभा चुनाव-एक ही नाम के कई उमीदवारों ने बढ़ाई परेशानी

इस विधानसभा चुनाव में मिलते-जुलते नाम वाले निर्दलीयों ने नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है। उन्हें आशंका है कि मतदाता इससे भ्रमित हो सकते हैं। ऐसे में उनकी जगह उनके हमनाम निर्दलीय को वोट चला जा सकता है। ऐसी कम से कम 10 विधानसभा सीटें हैं, जहां किसी न किसी नेता के मिलते-जुलते नाम वाले निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं। समान सरनेम वाले कई निर्दलीय भी इसी तरह की परेशानी खड़ी कर रहे हैं।संताल प्रमंडल की महेशपुर सीट झामुमो की परंपरागत सीट है। यहां झामुमो ने इस बार भी पूर्व मंत्री सह निर्वतमान विधायक स्टीफन मरांडी को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां उनके हमनाम स्टेफन मरांडी भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इसी सीट पर एलियास हेम्ब्रम ओर इलियास किस्कू भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं जो मिलते-जुलते नाम वाले हैं।संताल प्रमंडल में ही एक विधानसभा सीट शिकारीपाड़ा, है जहां जोसेफ बास्की और जोसेफ बेसरा चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। इसी तरह, पलामू प्रमंडल की गढ़वा विधानसभा सीट में जहां भाजपा ने इस बार भी पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं इसी सीट पर निर्दलीय सत्येंद्र तिवारी भी चुनाव लड़ रहे हैं।दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र में जहां कांग्रेस के रामेश्वर उरांव चुनाव मैदान में हैं, वहीं इस सीट पर निर्दलीय रमेश उरांव तथा रामेश्वर लोहरा भी चुनाव लड़ रहे हैं। दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के ही खिजरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी राजेश कच्छप हैं तो वहां एक निर्दलीय राज कच्छप भी चुनाव लड़ रहे हैं।कोल्हान प्रमंडल की जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट हाट सीट में सम्मिलित है, जहां पूर्व मंत्री सरयू राय तथा बन्ना गुप्ता आमने-सामने हैं। इधर, जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर एक निर्दलीय सरयू दुसाध भी चुनाव लड़ रहे हैं। सरयू राय इस बार वहां जदयू के टिकट पर बन्ना को चुनाैती दे रहे हैं। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय चुनाव लड़कर उसे हाट सीट बना दिया था।

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